हैलो दोस्तों मैं सुजीत आज आपको बताऊंगा की मेरे भैया की शादी में हम लोगो ने किन किन परिस्थितियों से शादी कि बारात कि...
दोस्तों 19/05/2021 का दिन था और हम लोग भैया कि शादी में जाने के लिए तैयार थे उस दिन पता नही क्या हुआ था भगवान जी को जो बारिश थमने का नाम ही नही ले थी। हम लोगो को सुबह से शाम होने वाली थी कि कब मौसम में कुछ बदलाव हो और हम लोग शादी के लिए तैयार हो जैसे तैसे शाम हुई और बारीक थोड़ा कम हुई कुछ समय के लिए उसी बीच भैया और हम लोग भी तैयार हुए कि चलो लगता है अब बारिश नही होगी इसी उम्मीद के साथ हम लोग डीजे के साथ भैया जी को तैयार कर के परछावन के लिए गए ।
वहा पर सभी लोग खुशी के साथ परछावन किए भैया जी का और हम और मेरा छोटा भाई और भांजा के साथ भाभी, दीदी लोग सभी लोग कुछ टाइम डांस किए लेकिन हम और हमारा भांजा नही माने और डांस करते रहें और डीजे को जबरदस्ती बाजवा कर डांस किए। जिसके कारण सभी गाड़ी में लोग पहले ही बैठ कर निकल लिए थे। अब हम और हमारा भांजा, बड़े भैया और कुछ लोग बच गए जो डीजे पर लेट तक डांस किए थे। अब हम लोग घर पर ही रुकने का प्लान बनाने लगे कि घर ही हम लोग पार्टी करेंगे। क्युकी की गाड़ी अब बच्ची नहीं हैं जिस में हम लोग बैठ कर शादी में जाए। लेकिन जब भैया को यह बात पता चली तो वो बार बार फ़ोन करने लगे और हम लोगो को बोले आप लोगो को आना जरूरी हैं। हम 7 लोग बचे थे तो तीन मोटर बाइक पर निकलने का प्लान बना लिए लेकिन हम लोगो को नहीं पता था कि हम लोगो का यह फैसला हम लोगो पर ही भरी पड़ेगा। जैसे तैसे कर के हम लोग घर से निकल पड़े। पर हम लोग को डर था कहीं रास्ते में बारिश ना हो जाए। रात हो चुकी थीं और रास्ते भी खराब थे पर हम लोगों को केवल वहा पर पहुंचने से मतलब था तो हम ने बरात जानें का शॉर्ट रास्ता निकाला और उसी पर लेकर लोगो को निकल गए। आगे आगे मैं बाइक चला रहा था और पीछे से भांजा और एक लोग रास्ता में इतना खराब रास्ता था कि कही कही इतना ज्यादा गाढ़े थे कि पता ही नही चलतथा हम क्या करे क्युकी रात हो चुकी थीं। इसी लिए हम जहा अच्छा रास्ता मिलता गाड़ी फुल स्पीड में कर लेता था जिससे आगे कही गढ़े आ जाते थे तो उसी में बाइक को कुदाते लेकर जाना पढ़ता था पूछे बैठे लोग अपनी सीट से ऊपर आ जा रहे थे पर कोई कुछ नही बोला क्युकी कोई गाड़ी चलाने के लिऐ तैयार नहीं था। तो मुझे ही चलाना था। अब हम लोग को कूछ ही दूर जाना था कि अचानक से सुनसान रास्ता आ गया और उसी रास्ते में हम लोग को निराश कर देने वाली बारिश भी आ गई। अब हम लोगो के पास भीगने के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था। इस लिए हम भीग कर बाइक चलाकर बरात पहुंचे। वहा जाने के बाद पता चला कि हम लोग बहुत पहले ही पहुंच गए हैं। और बरात के सभी लोग अभी पीछे ही छूट गए। तो हम लोग दुल्हन के घर बाइक खड़ा कर दिए उस टाइम हम लोगो का हाल बेहाल था। पर खुशी तब हुई हम लोगो को जब पता चला कि वहीं बगल में एक और बरात आई हुई है।तो हम 7लोग उसी बरात में पहुंच गए वहा पर बैंड पार्टी वाला डांस स्टार्ट हुआ था उसी बीच हम लोग भी इंट्री कर लिए । वहा पर कोई ज्यादा लोग बारिश के कारण डांस नही कर रहे थे। तो हम लोग ने प्लान बनाया कि चलो हम लोग यही मस्ती करते है जब तक हम लोगो कि बरात नहीं आ जाती। तो हम लोग डांसर के साथ डांस करने लगे और इतना ज्यादा डांस किए कि बारिश में भी पसीना आ गया। अब बहुत लोग आने लगे डांस करने फिर भी हम लोग डांसर को अपनी ओर आकर्षण कर लिऐ थे। जिसके कारण वो हम लोगो के पास आकर डांस करने लगा क्युकी हम लोग डांस के बिच में उसे कुछ पैसे भी दे दिया कर रहे थे। वो उसी पर खुश था तो हम लोगों को वहा कोई रोकने वाला नही था अब वहां के लोग भी हम लोगों के डांस के ऊपर खुश होने लगे और सोर कर ले उत्साह बढ़ाने लगे और हम लोग भी फुल मस्ती के साथ डांस किए। और वहा पर डांस कर के मुझे पता ही नही चला कि मैं बारिश में भीगा ही कि डांस कर के। फिर हम लोगो वाली बरात आ गई। तो वहा से हम लोग चल गए । बारिश हो रही थी तो जितने लोग बरात आए थे परेशान हो गए कि क्या होगा तो जैसे तैसे लोग पानी पिएऔर खाना खाए अब हम लोग बोले कि आज बारिश रुकेगी नही तो सभी लोगो को घर भेज दिए। केवल कुछ रिश्तेदार ही बचे थे। जयमाल और सादी की कुछ रस्मे हो गई थी और तब तक 12 बज चुका था। हम लोग भीगे थे तो अब हम लोगो को ठंड लगने लगी लेकिन वहा कही रुकने का व्यवस्था नहीं था। तो हम हमारा भांजा इधर उधर जगह खोजने लगे कि कहा सोया जाय। पर डांस करने के कारण हम लोगो को भूख भी लगे गई थीं तो हम लोग जहा खाना बनता था वही पर पहुंच गए । वहा पर खाना का पूरा समान रखा था तो हम लोग वही पर बैठ कर खाना खाए। अब मेरा पूरा कपड़ा भीगा था तो मुझे सोना था तो जैसे तैसे एक घर हम लोग खोजे जहा कोई नही रहता था। तो वही पर हम लोग चारपाई लेकर पहुंच गए और कुछ टाइम वही पर रेस्ट किए अब मेरे बड़े पापा का लड़का बोला मुझे सहबाला बनना हैं हालाकि कि वो मुझसे ३ साल ही छोटा था। तो हम लोग ने प्लान बनाया और जो सहबाला घर से आया था। उसे हम लोगों ने किडनैप (छुपा दिया) कर लिया। घर वाले सादी हो गई। लेकिन घर वाले बार बार पुछते रहे कि छोटू कहा है तो हम लोग कभी बोलते घर चला गया तो कभी बोलते कि गाड़ी में कही सोया हैं। इसी तरह चलता रहा और सहबाला के नाना की जो भैया के पिता जी थे उनके शक हम लोगो पर ही था यही सब कही ना कही उसे रखे है। हम लोग से बार बार वो बोलते थे उसे लाओ लेकिन हम लोग उन्हे बोल देते वो सोया होगा कही गाड़ी मे। अब सुबह हो गया और दुल्हा और सहबाला को बैठना था तो मेरे बड़ा पापा का लड़का को हम लोग बैठा दिए। और कार्यक्रम स्टार्ट हो गया और दुल्हन के घर की तरफ से लोग आने लगे दुल्हा और सहबाला को दही चटाने अब वहा पर जितने लोग आए सब लोग फुल Masti के साथ दुल्हा और सहबाला के ऊपर अपनी मनमानी से जो मन करता वो लगाने लगे। कोई काजल लगाता तो कोई बिंदी तो कोई सर पर तेल ले साथ किरकिरी वाला दिलबहार लगा देता था। इसी के साथ वहा की वो रस्मे भी पूरी हो गई। अब दुल्हन की बिदाई होने लगी लेकिन बारिश रुकने का नाम नहीं लिया। फिर हम लोग मजबूर हो गए की अब क्या किया जाए क्युकी सभी लोग वहा से निकल चुके थे। इस लिए हम लोग ने भीगते हुए ही वहा से घर आए।
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