धान की रोपाई

नमस्कार दोस्तों मैं सुजीत चौहान आज आपको धान की खेती के बारे में बताऊंगा ।
दोस्तो धान कि फसल को तैयार होने में लगभग 5 महीने का समय लगता है। सबसे पहले हम धान बीज के लिए छोटे पैमाने में खेत को तैयार करते है फिर धान को एक दिन पहले ही पानी में भिगोकर रख दिया जाता है । फिर अगले दिन हो खेत बनाया जाता है उस खेत में उस छिट्टा मारा जाता है । अगर खेत वाली जगह में कोई खाराबी है तो उस के अनुकुल उस में कीटनाशक भी डाला जाता है ।फिर उस धान को पक्षियो से बचाया जाता है कि कहीं धान की बीज बाहर निकलने से पहले ही उस खा ना जाए ।फिर उसे अच्छे से केयर देना होता है ।और समय - समय पर पानी देना होता है अगर धान की बीज तैयार होने के बाद उसमें अगर कीटाणु लग जाए तो फिर कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ता है ।अब लगभग  जब बीज संडा बानाने के लायक़ हो जाता है तो उसे दूसरे खेत में रोपा जाता है ।ताकि वह अधिक मात्रा में बीज बन सके फिर उसे दूसरे खेत में रोपा जाता है  फिर से वही प्रक्रिया के साथ एक मंथ तक देखभाल करनी पड़ती है । तब जाकर कहीं धान रोपने के लायक़ होता हैं।अब खेत में पानी फुल रहना चाहिए जिसमें धान की रोपाई की जानी है । उसमे कीटनाशक भी मिलाया जाता है ।फिर खेत को पलेव से प्लेन किया जाता है ताकि खेत अक बराबर हो जाए भी ज्यादा खेत रहता है तो बडी बड़ी क्यारियों में बाट दिया जाता है । फिर उस में धान की  रोपाई की जाती है फिर 3 महीने तक  उसे देखभाल करना पड़ता है। खेत में अनावश्यक घास को बाहर निकलना पड़ता है उसके लिए खेत की सोहनी करनी पड़ती है या कीटनाशक दावा द्वारा उसे नस्ट किया जाता है।फिर हमेशा खेत में नमी बनाए रखनी होती है जब तक धान तैयार ना हो जाए । अगर कुछ टाइम तक नमी नहीं मिलती है तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है और धान की फसल खराब हो जाती है ।इस लिए बारिश के टाइम ही धान की फसल होती है । लेकिन जब कभी कभी सूखा जैसी नवबत आ जाती है तो किसानों की फसल खराब हो जाती है ।और उसे कुछ भी प्राप्त नहीं होता है । तो इसी लिए हमारे जीवन में किसानों के लिए प्रेम और इज्ज़त दोनों होना चहिए। क्यूकी अगर किसान नहीं होते तो आज लोग चीन कि तरह कीटाणु और बिना प्रोटीन वाले खाने खाते।  I am proud to be a farmer
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